पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।


भगत जी कबीर के गीत गाते थे। उनके मधुर गायन की विशेषता यह थी कि कबीर के सीधे-सादे पद उनके कंठ से निकल कर सजीव हो उठते थे। उनकी आवाज में एक जादू था, जिसे सुनकर खेतों में काम कर रही महिलाओं के होंठ अपने आप ही थिरकने लगते थे। उनके गाने को सुनकर रोपनी करने वालों की अंगुलियाँ स्वत: चलने लगती थीं। बच्चे, बूढ़े, औरतें सभी मंत्रमुग्ध होकर झूम उठते थे। हल चलाने वाले किसानो के पैर स्वतः ही कदम ताल करने लगते थे। उनके संगीत से ऐसा लगता था कि स्वर की एक तरंग स्वर्ग की ओर जा रही है तो दूसरी तरंग लोगों के कानों की ओर। उनके गीत के प्रभाव से सारा वातावरण मनमोहक हो जाता था।


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